IOCL Junior Operator Solved Questions & Answers in Hindi || IOCL Junior Operator General Science Questions and Answers1. एक स्केल पर चलने वाले पॉइंटर वाले मीटरों में आमतौर पर किस तंत्र का उपयोग किया जाता है?1 . व्हीटस्टोन ब्रिज (Wheatstone bridge) 2 . डार्सोनल मूवमेंट (D’Arsonval movement) 3 . पोटेंशियोमीटर (Potentiometer) 4 . ट्रांसफार्मर (Transformer) Answer and SolutionAnswer: "डार्सोनल मूवमेंट (D’Arsonval movement) "डी’आर्सोनवल मूवमेंट (D’Arsonval Movement) एक ऐसा यंत्र है जो एनालॉग मीटर में इस्तेमाल होता है, जिसमें एक पॉइंटर (सूई) स्केल पर घूमता है। यह मोटर क्रिया के सिद्धांत पर काम करता है: एक चुंबकीय क्षेत्र में तार के कुंडल (coil) से करंट गुजरने पर, कुंडल घूमता है, जिससे पॉइंटर स्केल पर हिलता है। घूमने की मात्रा करंट की मात्रा के समानुपाती होती है। स्प्रिंग कुंडल को नियंत्रित करते हैं, जिससे पॉइंटर करंट के हिसाब से घूमता है और करंट बंद होने पर वापस शून्य पर आ जाता है। यह डीसी (DC) करंट या एसी (AC) करंट को डीसी में बदलने के बाद माप सकता है। Discuss2. डार्सोनल मूवमेंट का सिद्धांत किसके सिद्धांत के समान है?1 . ट्रांसफार्मर (Transformer) 2 . कैपेसिटर (Capacitor) 3 . स्थायी चुंबक प्रकार की विद्युत मोटर (Permanent magnet type electric motor) 4 . प्रतिरोधक (Resistor) Answer and SolutionAnswer: "स्थायी चुंबक प्रकार की विद्युत मोटर (Permanent magnet type electric motor) " डारसनवल मूवमेंट विद्युत चुंबकत्व के सिद्धांत पर काम करता है, जो कि एक स्थायी चुंबक प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर के समान है। इस प्रणाली में, तारों का एक कुंडल स्थायी चुंबकों द्वारा बनाए गए चुंबकीय क्षेत्र के भीतर रखा जाता है। जब कुंडल से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है जो स्थायी चुंबकों के साथ संपर्क करता है। यह संपर्क एक टॉर्क उत्पन्न करता है, जिससे कुंडल घूमता है। घूमने की डिग्री कुंडल के माध्यम से बहने वाली धारा की मात्रा के आनुपातिक होती है, जिससे यह विद्युत मात्राओं जैसे कि धारा या वोल्टेज को प्रभावी ढंग से माप सकता है। Discuss3. डार्सोनल (D'Arsonval) मूवमेंट में संकेतक की गति के लिए किन दो चीजों की आवश्यकता होती है?1 . धारा और चुंबकीय क्षेत्र (Current and magnetic field) 2 . वोल्टेज और प्रतिरोध (Voltage and resistance) 3 . शक्ति और आवृत्ति (Power and frequency) 4 . प्रतिबाधा और धारिता (Impedance and capacitance) Answer and SolutionAnswer: "धारा और चुंबकीय क्षेत्र (Current and magnetic field) "डारसनवल मीटर में इंडिकेटर (संकेतक) की गति के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है: करंट (विद्युत धारा): कुंडल में से विद्युत धारा प्रवाहित होनी चाहिए। चुंबकीय क्षेत्र: कुंडल को एक चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। जब एक चुंबकीय क्षेत्र में रखे कुंडल से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह एक बल का अनुभव करता है जो कुंडल में एक टॉर्क का कारण बनता है, जिससे इंडिकेटर की गति होती है। Discuss4. स्थायी चुंबक वाले मीटर, जो विद्युत धारा के साथ काम करके पॉइंटर को हिलाते हैं, उन्हें क्या कहा जाता है?1 . मूविंग आयरन टाइप (MI) मीटर 2 . इलेक्ट्रोडायनेमोमीटर मीटर 3 . परमानेंट मैग्नेट मूविंग कॉइल टाइप (PMMC) मीटर 4 . इंडक्शन मीटर Answer and SolutionAnswer: "परमानेंट मैग्नेट मूविंग कॉइल टाइप (PMMC) मीटर " स्थायी चुम्बकों वाले मीटर जो पॉइंटर को हिलाने के लिए करंट का उपयोग करते हैं, उन्हें स्थायी चुंबक मूविंग कॉइल (PMMC) मीटर कहा जाता है। PMMC उपकरण एक स्थिर चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए एक स्थायी चुंबक का उपयोग करते हैं, और एक मूविंग कॉइल इस क्षेत्र के साथ तब प्रतिक्रिया करता है जब इसके माध्यम से करंट प्रवाहित होता है, जिससे पॉइंटर हिलता है। इन मीटरों को डारसनवल मीटर के रूप में भी जाना जाता है और ये सटीक उपकरण हैं जिनका उपयोग मुख्य रूप से DC माप के लिए किया जाता है। Discuss5. धारा-वाहक कुंडल का उपयोग करके चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले मीटरों को क्या कहा जाता है?1 . परमानेंट मैग्नेट मूविंग कॉइल टाइप (PMMC) मीटर 2 . इलेक्ट्रोस्टैटिक मीटर (Electrostatic meters) 3 . थर्मोकपल मीटर (Thermocouple meters) 4 . मूविंग आयरन टाइप (MI) मीटर Answer and SolutionAnswer: "मूविंग आयरन टाइप (MI) मीटर "करंट-ले जाने वाले कॉइल का उपयोग करके चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले मीटर को मूविंग आयरन टाइप (MI) मीटर कहा जाता है. मूविंग आयरन इंस्ट्रूमेंट (Moving Iron Instrument): इस प्रकार के मीटर AC और DC दोनों तरह की विद्युत धारा को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं. ये विद्युत चुम्बकीय आकर्षण के सिद्धांत पर काम करते हैं. एक कुण्डली स्थिर रखी जाती है और लोहे की पत्तियाँ सचल रखी जाती हैं. जब कुण्डली में से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह एक चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करती है जो लौह चकती को आकर्षित करता है जिससे पॉइंटर घूमता है. मूविंग आयरन मीटर के प्रकार: ये दो प्रकार के होते हैं: आकर्षण प्रकार और प्रत्याकर्षण प्रकार. आकर्षण प्रकार (Attraction type): यह विद्युत-चुंबकीय आकर्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है. प्रत्याकर्षण प्रकार (Repulsion type): यह समान ध्रुवता वाले विद्युत-चुंबकीय ध्रुवों में विद्यमान प्रत्याकर्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है Discuss6. "गैल्वेनोमीटर"(galvanometer) शब्द किसको संदर्भित करता है?1 . वोल्टेज मापने वाला उपकरण (A device for measuring voltage) 2 . संवेदनशील धारा-अनुकूलन उपकरण (A sensitive current-detecting device) 3 . प्रतिरोध मापने वाला उपकरण (A device for measuring resistance) 4 . शक्ति मापने वाला उपकरण (A device for measuring power) Answer and SolutionAnswer: "संवेदनशील धारा-अनुकूलन उपकरण (A sensitive current-detecting device) "गैल्वेनोमीटर एक बहुत ही संवेदनशील उपकरण है जिसका उपयोग छोटी विद्युत धाराओं का पता लगाने और मापने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का एमीटर है जो बहुत कम धाराओं को भी माप सकता है। Discuss7. PMMC गैल्वेनोमीटर में सॉफ्ट स्टील कोर का क्या उद्देश्य है?1 . चुंबकीय ध्रुवों के बीच की कुल वायु अंतराल को कम करना (To reduce the total air gap between the magnetic poles) 2 . प्रतिरोध बढ़ाना (To increase resistance) 3 . स्प्रिंग तनाव बढ़ाना (To increase the spring tension) 4 . पॉइंटर गति को कम करना (To dampen the pointer movement) Answer and SolutionAnswer: "चुंबकीय ध्रुवों के बीच की कुल वायु अंतराल को कम करना (To reduce the total air gap between the magnetic poles) "एक परमानेंट मैग्नेट मूविंग कॉइल (PMMC) गैल्वेनोमीटर में सॉफ्ट आयरन कोर का मुख्य उद्देश्य कुछ कार्य करना है: वायु अंतराल को कम करना: जब कोर को चुंबकीय क्षेत्र के भीतर रखा जाता है, तो यह चुंबकीय फ्लक्स लाइनों को केंद्रित करता है। यह प्रभावी रूप से चुंबकीय ध्रुवों के बीच की वायु अंतराल को कम करता है चुंबकीय क्षेत्र बढ़ाना: सॉफ्ट आयरन कोर, अपनी उच्च चुंबकीय पारगम्यता के कारण, चुंबकीय क्षेत्र को केंद्रित करने में मदद करता है। यह हवा के अंतराल में चुंबकीय प्रवाह घनत्व को बढ़ाता है जहां कुंडल घूमता है। समान चुंबकीय क्षेत्र बनाना: सॉफ्ट आयरन कोर ध्रुवों के बीच चुंबकीय क्षेत्र को अधिक समान और रेडियल बनाने में मदद करता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी स्थिति में कुंडल पर टॉर्क वर्तमान के समानुपाती हो। संवेदनशीलता बढ़ाना: मजबूत और अधिक समान चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करके, सॉफ्ट आयरन कोर गैल्वेनोमीटर की संवेदनशीलता को बढ़ाता है। इसका मतलब है कि दिए गए करंट के लिए कुंडल का विक्षेपण बड़ा होगा, जिससे छोटे करंट को मापना आसान हो जाएगा। हिस्टैरिसीस नुकसान को कम करना: सॉफ्ट आयरन में कम हिस्टैरिसीस होता है, जिसका अर्थ है कि यह चुंबकत्व को आसानी से प्राप्त और खो सकता है। यह गैल्वेनोमीटर में ऊर्जा हानि को कम करने में मदद करता है और इसकी सटीकता में सुधार करता है। Discuss8. PMMC गैल्वेनोमीटर में नियंत्रण स्प्रिंग का क्या कार्य है?1 . डैम्पिंग प्रदान करना (To provide damping) 2 . कंडक्टर के रूप में कार्य करना और पुनर्स्थापना बल प्रदान करना (To serve as conductors and provide restoring force) 3 . धारा को बढ़ाना (To amplify the current) 4 . चुंबकीय क्षेत्र बढ़ाना (To increase the magnetic field) Answer and SolutionAnswer: "कंडक्टर के रूप में कार्य करना और पुनर्स्थापना बल प्रदान करना (To serve as conductors and provide restoring force) "PMMC (स्थायी चुंबक मूविंग कॉइल) गैल्वेनोमीटर में, नियंत्रण स्प्रिंग्स दो महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाते हैं: नियंत्रण स्प्रिंग दो महत्वपूर्ण कार्य करते हैं: नियंत्रण बल: वे विक्षेपण का विरोध करते हैं और करंट हटने पर पॉइंटर को शून्य पर लौटाते हैं। विद्युत कनेक्शन: वे कुंडल तक करंट ले जाने का मार्ग प्रदान करते हैं। Discuss9. PMMC मीटर में, पॉइंटर की गति किसके सीधे समानुपाती होती है?1 . लागू वोल्टेज (The voltage applied) 2 . चुंबकीय क्षेत्र की ताकत (The strength of the magnetic field) 3 . कुंडल का प्रतिरोध (The resistance of the coil) 4 . बहने वाली धारा (The current flowing) Answer and SolutionAnswer: "बहने वाली धारा (The current flowing) " PMMC मीटर में, पॉइंटर की जो हरकत होती है, वो सीधी-सीधी कॉइल में बहने वाली करंट (विद्युत धारा) पर निर्भर करती है। मतलब, जितनी ज़्यादा करंट कॉइल में से बहेगी, पॉइंटर उतना ही ज़्यादा घूमेगा या विक्षेपित होगा। फिर, स्प्रिंग (कमानी) का काम होता है कि जब कोई करंट नहीं बह रही हो, तो पॉइंटर को वापस शून्य (0) पर ले आएं। क्योंकि करंट और पॉइंटर के घूमने के बीच में सीधा संबंध होता है, इसलिए PMMC मीटर का स्केल (पैमाना) सीधा होता है, जिससे रीडिंग लेना बहुत आसान हो जाता है। Discuss10. PMMC मीटर में जब कोई धारा प्रवाहित नहीं होती है तो कुंडल का क्या होता है?1 . यह दक्षिणावर्त घूमता है (It rotates clockwise) 2 . यह वामावर्त घूमता है (It rotates counter-clockwise) 3 . यह शून्य स्थिति पर स्थिर रहता है (It remains stationary at the zero position) 4 . यह लगातार दोलन करता है (It oscillates continuously) Answer and SolutionAnswer: "यह शून्य स्थिति पर स्थिर रहता है (It remains stationary at the zero position) "जब PMMC मीटर की कॉइल से कोई करंट नहीं गुजरता है, तो कॉइल शून्य स्थिति में स्थिर रहती है। इसका कारण यह है कि कॉइल पर कोई विक्षेपण बल (deflecting force) नहीं लग रहा होता है। हेयरस्प्रिंग PMMC मीटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कॉइल से जुड़ी होती है और दो मुख्य कार्य करती है: पुनर्स्थापना टॉर्क (Restoring Torque): हेयरस्प्रिंग एक पुनर्स्थापना टॉर्क प्रदान करती है जो कॉइल को उसकी मूल शून्य स्थिति में वापस लाने की कोशिश करता है जब कोई करंट नहीं होता है। जब कॉइल करंट के कारण घूमती है, तो हेयरस्प्रिंग में तनाव आता है, और यह तनाव कॉइल को विपरीत दिशा में धकेलता है। नियंत्रण: हेयरस्प्रिंग कॉइल के मूवमेंट को नियंत्रित करती है। यह सुनिश्चित करती है कि कॉइल धीरे-धीरे और स्थिर रूप से घूमे, और यह ओवरशूटिंग और दोलन (oscillation) को भी रोकती है। Discuss1234567