इलेक्ट्रोलिसिस में, यदि इलेक्ट्रोलाइट से गुजरने वाली धारा दोगुनी हो जाती है, तो हर सेकंड में इलेक्ट्रोड पर मुक्त होने वाले आयनों का कुल द्रव्यमान
Right Answer is:
दोगुना हो जाता है
SOLUTION
विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) में, अगर इलेक्ट्रोलाइट से गुजरने वाली धारा दोगुनी हो जाती है, तो हर सेकंड में इलेक्ट्रोड पर मुक्त होने वाले आयनों का कुल द्रव्यमान भी दोगुना हो जाता है। यह फैराडे के प्रथम नियम द्वारा नियंत्रित होता है, जो कहता है:
“विद्युत अपघटन के दौरान किसी इलेक्ट्रोड पर मुक्त होने वाला पदार्थ (द्रव्यमान) इलेक्ट्रोलाइट से गुजरने वाली विद्युत की मात्रा के सीधे अनुपात में होता है।”
इसलिए, यदि करंट (जिस दर से बिजली प्रवाहित होती है) दोगुना हो जाता है, तो समान समय सीमा के भीतर मुक्त होने वाले पदार्थ की मात्रा (आयनों का द्रव्यमान) भी दोगुना हो जाता है।
फैराडे का पहला नियम:
m = ZIt
जहाँ:
- m = मुक्त हुए पदार्थ का द्रव्यमान
- Z = पदार्थ का विद्युतरासायनिक तुल्यांक
- I = विद्युत धारा
- t = समय
इस सूत्र से स्पष्ट है कि यदि विद्युत धारा (I) को दोगुना कर दिया जाए, तो मुक्त हुए पदार्थ का द्रव्यमान (m) भी दोगुना हो जाएगा, क्योंकि अन्य सभी कारक स्थिर रहेंगे।
अतः, यदि इलेक्ट्रोलाइट से गुजरने वाली धारा दोगुनी हो जाती है, तो हर सेकंड में इलेक्ट्रोड पर मुक्त होने वाले आयनों का कुल द्रव्यमान भी दोगुना हो जाएगा।
सरल शब्दों में:
इलेक्ट्रोलिसिस में, विद्युत धारा जितनी अधिक होगी, उतने ही अधिक आयनों का विद्युत अपघटन होगा और इलेक्ट्रोड पर जमा होंगे। इसलिए, धारा दोगुनी होने पर द्रव्यमान भी दोगुना हो जाएगा।