ISRO HSFC Technician B Electrician Solved Question paper in Hindi21. पावर स्विचिंग डिवाइस में स्नबर का क्या कार्य है?1 . dV/dt बढ़ाना 2 . dV/dt को दबाना 3 . dI/dt को कम करना 4 . उपरोक्त में से कोई नहीं Answer and SolutionAnswer: "dV/dt को दबाना "स्नबर का कार्य: एक स्नबर एक ऐसा सर्किट है जिसे पावर स्विचिंग डिवाइसों (जैसे कि ट्रांजिस्टर, MOSFET, SCR आदि) के पार लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य स्विचिंग के दौरान उत्पन्न होने वाले उच्च dv/dt (वोल्टेज परिवर्तन की दर) को कम करना है। क्यों dv/dt को कम करना महत्वपूर्ण है? अवांछित स्पाइक्स: जब एक स्विचिंग डिवाइस चालू या बंद होता है, तो इंडक्टेंस और कैपेसिटेंस के कारण सर्किट में उच्च आवृत्ति के वोल्टेज स्पाइक्स उत्पन्न हो सकते हैं। डिवाइस क्षति: ये स्पाइक्स स्विचिंग डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे कि डायोड ब्रेकडाउन या ट्रांजिस्टर फेलियर। EMI: ये स्पाइक्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस (EMI) का कारण बन सकते हैं, जो अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। स्नबर कैसे काम करता है? RC सर्किट: स्नबर आमतौर पर एक प्रतिरोध और एक संधारित्र का एक सरल RC सर्किट होता है जो स्विचिंग डिवाइस के पार समानांतर में जुड़ा होता है। ऊर्जा अवशोषण: जब स्विचिंग होती है, तो स्नबर सर्किट अतिरिक्त ऊर्जा को अवशोषित करता है और dv/dt को कम करता है। वोल्टेज डिवीजन: संधारित्र वोल्टेज को विभाजित करता है और dv/dt को कम करता है। निष्कर्ष: स्नबर का मुख्य कार्य पावर स्विचिंग डिवाइसों के पार dv/dt को दबाना है। यह स्विचिंग नुकसान को कम करता है, डिवाइस की उम्र बढ़ाता है और EMI को कम करता है। Discuss22. दी गई सत्य तालिका किस गेट को दर्शाती है? A B Y 0 0 1 0 1 0 1 0 0 1 1 1 1 . NOR गेट 2 . NAND गेट 3 . Exclusive NOR 4 . Exclusive OR Answer and SolutionAnswer: "Exclusive NOR "XNOR गेट, जिसे समानता गेट भी कहा जाता है, एक डिजिटल लॉजिक गेट है जो तब उच्च सिग्नल (1) आउटपुट करता है जब इसके दोनों इनपुट समान होते हैं। यदि इनपुट अलग होते हैं, तो यह निम्न सिग्नल (0) आउटपुट करता है। XNOR गेट की दो-इनपुट सत्य तालिका इस प्रकार है: इनपुट A इनपुट B आउटपुट Y 0 0 1 0 1 0 1 0 0 1 1 1 इस तालिका से हमें निम्नलिखित जानकारी मिलती है: जब दोनों इनपुट समान होते हैं (या तो दोनों 0 या दोनों 1), तो आउटपुट उच्च (1) होता है। जब इनपुट अलग होते हैं (एक 0 और दूसरा 1), तो आउटपुट निम्न (0) होता है। Discuss23. स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?1 . उच्च प्रारंभिक टॉर्क 2 . रोटर बार स्थायी रूप से शॉर्ट-सर्किट हो जाते हैं 3 . सरल निर्माण 4 . रोटर वाइंडिंग को स्टार्टिंग के लिए रिओस्टेट से नहीं जोड़ा जा सकता है। Answer and SolutionAnswer: "उच्च प्रारंभिक टॉर्क "स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर एक प्रकार का इलेक्ट्रिक मोटर है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसकी सरलता और मजबूती के कारण यह विभिन्न अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। कार्य सिद्धांत: स्टेटर: मोटर का स्थिर भाग जहां विद्युत विंडिंग्स रखी जाती हैं। जब इन विंडिंग्स को AC करंट की आपूर्ति की जाती है, तो यह एक घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। रोटर: घूर्णन भाग, एक गिलहरी के पिंजरे के आकार का होता है, जिसमें तांबे या एल्यूमीनियम की छड़ें एक बेलनाकार कोर में एम्बेडेड होती हैं। इंडक्शन: स्टेटर के घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र रोटर की छड़ों में एक करंट प्रेरित करता है। यह प्रेरित करंट, बदले में, अपना स्वयं का चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। इंटरैक्शन: स्टेटर के घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र और रोटर के प्रेरित चुंबकीय क्षेत्र के बीच की परस्पर क्रिया के कारण रोटर घूमने लगता है। लाभ: सरल निर्माण: इसका डिज़ाइन अपेक्षाकृत सरल है, जिससे इसे बनाना और रखरखाव करना आसान हो जाता है। मजबूती: यह उच्च तापमान और कंपन सहित कठोर परिचालन स्थितियों का सामना कर सकता है। स्वयं-प्रारंभ: इसे किसी बाहरी प्रारंभिक तंत्र की आवश्यकता नहीं होती है। स्थिर गति: यह विभिन्न भारों के तहत अपेक्षाकृत स्थिर गति बनाए रखता है। नुकसान: कम प्रारंभिक टॉर्क: अन्य प्रकार के मोटरों की तुलना में, इसमें कम प्रारंभिक टॉर्क होता है, जो उच्च प्रारंभिक भार वाले अनुप्रयोगों में इसके उपयोग को सीमित करता है। स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर में निश्चित रोटर बार इसके प्रारंभिक टॉर्क को सीमित करते हैं। स्लिप-रिंग इंडक्शन मोटरों के विपरीत, जहां प्रारंभिक टॉर्क को बेहतर बनाने के लिए रोटर सर्किट में बाहरी प्रतिरोध जोड़ा जा सकता है, स्क्विरल केज मोटर उच्च प्रारंभिक टॉर्क प्राप्त करने के लिए अन्य तकनीकों पर निर्भर करती हैं। Discuss24. जब एक लेड एसिड सेल को चार्ज किया जाता है तो इलेक्ट्रोलाइट का घनत्व ______1 . पहले बढ़ता है और फिर घटता है 2 . पहले घटता है और फिर बढ़ता है 3 . बढ़ता है 4 . घटता है Answer and SolutionAnswer: "बढ़ता है "लीड-एसिड बैटरी की चार्ज स्थिति का निर्धारण लीड-एसिड बैटरी में सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग इलेक्ट्रोलाइट के रूप में किया जाता है। डिस्चार्ज प्रक्रिया के दौरान, सल्फ्यूरिक एसिड लेड प्लेट्स के साथ प्रतिक्रिया करके लेड सल्फेट बनाता है, जिससे सल्फ्यूरिक एसिड की सांद्रता कम हो जाती है और परिणामस्वरूप इलेक्ट्रोलाइट का घनत्व कम हो जाता है। जब बैटरी चार्ज होती है, तो विपरीत प्रतिक्रिया होती है। लेड सल्फेट वापस लेड और सल्फ्यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है। इससे इलेक्ट्रोलाइट में सल्फ्यूरिक एसिड की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे इसका घनत्व बढ़ जाता है। पूरी तरह चार्ज बैटरी के लिए, इसका विशिष्ट गुरुत्व लगभग 1.28 होता है। इसलिए, इलेक्ट्रोलाइट के विशिष्ट गुरुत्व (घनत्व) को मापना लीड-एसिड बैटरी की चार्ज स्थिति निर्धारित करने का एक सामान्य तरीका है। Discuss25. स्टेपर मोटर की तरंग उत्तेजना के परिणामस्वरूप _____ होता है1 . अर्ध स्टेपिंग 2 . माइक्रोस्टेपिंग 3 . बढ़ा हुआ स्टेप कोण 4 . इनमें से कोई नहीं Answer and SolutionAnswer: "अर्ध स्टेपिंग "स्टेपर मोटर में वेव उत्तेजना (Wave Excitation) का उपयोग करने से हाफ स्टेपिंग (Half Stepping) की प्रक्रिया होती है, जो मोटर के संचालन को अधिक सटीक और smooth बनाती है। हाफ स्टेपिंग क्या है? हाफ स्टेपिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग स्टेपर मोटर्स की घूर्णी गति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह फुल स्टेपिंग की तुलना में दोगुनी रिज़ॉल्यूशन प्रदान करती है। इसका मतलब है कि मोटर प्रति चक्कर दोगुने कदम चलती है, जिससे गति अधिक सुचारू और सटीक होती है। हाफ स्टेपिंग कैसे काम करती है? स्टेपर मोटर्स में कई कॉइल्स (फेज) होते हैं जो एक निश्चित क्रम में सक्रिय होते हैं ताकि रोटर को घुमाया जा सके। फुल स्टेपिंग: इस मोड में, एक समय में एक या दो कॉइल्स को सक्रिय किया जाता है, जिससे मोटर एक निश्चित कोण (जैसे 1.8 डिग्री) पर घूमती है। हाफ स्टेपिंग: इस मोड में, कॉइल्स को इस तरह से सक्रिय किया जाता है कि पहले एक कॉइल सक्रिय होता है, फिर दो, फिर एक, और इसी तरह। इससे मोटर फुल स्टेपिंग के आधे कोण पर घूमती है। उदाहरण के लिए, यदि फुल स्टेपिंग में मोटर 1.8 डिग्री घूमती है, तो हाफ स्टेपिंग में यह 0.9 डिग्री घूमेगी। हाफ स्टेपिंग के फायदे: उच्च रिज़ॉल्यूशन: हाफ स्टेपिंग से मोटर की स्थिति को अधिक सटीकता से नियंत्रित किया जा सकता है। स्मूथ ऑपरेशन: यह तकनीक मोटर के कंपन को कम करती है और गति को अधिक सुचारू बनाती है। बेहतर एक्यूरेसी: छोटे स्टेप्स के कारण मोटर की स्थिति में होने वाली त्रुटि कम हो जाती है। Discuss26. निम्नलिखित में से कौन लगभग शून्य पावर फैक्टर पर कार्य करता है?1 . हीटर 2 . इंडक्शन मोटर 3 . तापदीप्त लैंप 4 . उपरोक्त सभी Answer and SolutionAnswer: "इंडक्शन मोटर "पावर फैक्टर का परिचय पावर फैक्टर (Power Factor) एक माप है जो यह दर्शाता है कि कितनी सक्रिय शक्ति (Active Power) का उपयोग कुल स्पष्ट शक्ति (Apparent Power) की तुलना में किया जा रहा है। पावर फैक्टर का मान 0 से 1 तक होता है, जहाँ 1 का मतलब होता है कि सभी ऊर्जा का उपयोग सक्रिय रूप से हो रहा है। विकल्पों का विश्लेषण हीटर (Heater): हीटर एक प्रतिरोधी लोड है और इसका पावर फैक्टर लगभग 1 होता है। इसका मतलब है कि यह पूरी तरह से सक्रिय शक्ति का उपयोग करता है। इंडक्शन मोटर (Induction Motor): इंडक्शन मोटर आमतौर पर शून्य भार पर बहुत कम पावर फैक्टर पर कार्य करती है, जो लगभग 0.2 के आसपास हो सकता है। इसका कारण यह है कि जब मोटर बिना लोड के चलती है, तो इसे अधिक रिएक्टिव पावर की आवश्यकता होती है, जिससे पावर फैक्टर कम होता है। जैसे-जैसे लोड बढ़ता है, पावर फैक्टर भी बेहतर होता है, लेकिन हल्के लोड पर यह बहुत कम रहता है। तापदीप्त लैंप (Incandescent Lamp): तापदीप्त लैंप का पावर फैक्टर भी लगभग 1 होता है क्योंकि यह सक्रिय शक्ति का पूरा उपयोग करता है। निष्कर्ष इस प्रकार, सही उत्तर होगा B. इंडक्शन मोटर, क्योंकि यह लगभग शून्य पावर फैक्टर पर कार्य करती है, जबकि हीटर और तापदीप्त लैंप उच्च पावर फैक्टर पर कार्य करते हैं। Discuss27. नीचे दिखाए गए परिपथ में सेल से खींची गई धारा क्या है? यदि गैल्वेनोमीटर (G) प्रतिरोध 10Ω है 1 . 0 mA 2 . 0.7 mA 3 . 0.5 mA 4 . 0.9 mA Answer and SolutionAnswer: "0.9 mA "Balanced Wheatstone Bridge: एक Balanced Wheatstone Bridge में, दो भुजाओं में प्रतिरोधों का अनुपात बराबर होता है। यानी: P/Q = R/S इस विशेष मामले में, मान हैं: 10/30 = 20/60 जब ब्रिज संतुलित होता है, तो गैल्वेनोमीटर से कोई धारा नहीं बहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गैल्वेनोमीटर के सिरों पर विभव अंतर शून्य होता है। सेल से ली गई धारा की गणना: सेल से ली गई धारा की गणना करने के लिए, हमें परिपथ के समतुल्य प्रतिरोध की गणना करने की आवश्यकता है। 40 kΩ और 80 kΩ प्रतिरोध समानांतर में जुड़े हुए हैं। समानांतर में दो प्रतिरोधों का समतुल्य प्रतिरोध (Req) इस प्रकार दिया जाता है: 1/Req = 1/R1 + 1/R2 दिए गए प्रतिरोधों के लिए: 1/Req = 1/40kΩ + 1/80kΩ Req = 80/3 kΩ अब, हम ओम के नियम का उपयोग करके सेल से ली गई धारा (I) की गणना कर सकते हैं: I = V/Req जहाँ: V = सेल का वोल्टेज (24 V) Req = समतुल्य प्रतिरोध (80/3 kΩ) मानों को प्रतिस्थापित करने पर: I = 24 V / (80/3 ) kΩ I = 0.9 mA Discuss28. वर्ग H इन्सुलेशन का अधिकतम सुरक्षित तापमान क्या है?1 . 105°C 2 . 155°C 3 . 130°C 4 . 180°C Answer and SolutionAnswer: "180°C "वर्ग H इन्सुलेशन उच्च तापमान पर कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह 180°C तक के तापमान को सहन कर सकता है। यह विशेष रूप से उन अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है जहाँ उच्च थर्मल प्रतिरोध की आवश्यकता होती है, जैसे कि कुछ प्रकार के मोटर्स और ट्रांसफार्मर में। वर्ग (Class) सामग्री अधिकतम संचालन तापमान (Maximum Operating Temperature) A कपास, रेशम, कागज (तेल में भिगोया या डुबोया हुआ), तामचीनी 105°C (221°F) B अभ्रक, एस्बेस्टोस (अब कम इस्तेमाल किया जाता है), कांच फाइबर 130°C (266°F) E A और B के बीच मध्यवर्ती 105°C से 130°C के बीच (221°F से 266°F के बीच) F अभ्रक, एस्बेस्टोस (कम इस्तेमाल किया जाता है), कांच फाइबर उच्च तापमान प्रतिरोधी बंधन (जैसे सिलिकॉन) के साथ 155°C (311°F) H अभ्रक, एस्बेस्टोस (कम इस्तेमाल किया जाता है), कांच फाइबर और भी उच्च तापमान प्रतिरोधी बंधन (जैसे सिलिकॉन) के साथ 180°C (356°F) Discuss29. L सीरीज MCB का उपयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किस उपकरण की सुरक्षा के लिए किया जाता है?1 . एयर कंडीशनर 2 . गीजर 3 . मोटर 4 . रेफ्रिजरेटर Answer and SolutionAnswer: "गीजर "L-सीरीज MCB: प्रतिरोधक भार वाले सर्किट के लिए डिज़ाइन किया गया है। हीटिंग उपकरणों की सुरक्षा के लिए आदर्श है जैसे: गीजर ओवन सामान्य प्रकाश व्यवस्था G-सीरीज MCB: प्रेरक भार वाले सर्किट के लिए डिज़ाइन किया गया है। की सुरक्षा के लिए उपयुक्त है: मोटर्स एयर कंडीशनर हैंड टूल्स हैलोजन लैंप Discuss30. इंटरपोल पर वाइंडिंग्स किसमें जुड़ी होती हैं?1 . आर्मेचर के समानांतर 2 . आर्मेचर के साथ श्रेणी में 3 . क्षेत्र के समानांतर 4 . क्षेत्र के साथ श्रेणी में Answer and SolutionAnswer: "आर्मेचर के साथ श्रेणी में "इंटरपोल विंडिंग्स का सीरीज कनेक्शन DC मोटर की आर्मेचर विंडिंग के साथ सीरीज में इंटरपोल विंडिंग्स जुड़ी होती हैं। यह विशिष्ट कनेक्शन कम्यूटेशन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो एक कम्यूटेटर सेगमेंट से दूसरे कम्यूटेटर सेगमेंट तक करंट के सुचारू हस्तांतरण को सुनिश्चित करती है। क्यों सीरीज कनेक्शन? समन्वित धारा: इंटरपोल विंडिंग्स को आर्मेचर के साथ सीरीज में जोड़कर, उनके माध्यम से बहने वाली धारा सीधे आर्मेचर धारा से मेल खाती है। यह सुनिश्चित करता है कि इंटरपोल द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र हमेशा आर्मेचर धारा के साथ समकालिक होता है, जिससे प्रभावी कम्यूटेशन होता है। आर्मेचर रिएक्शन का प्रतिरोध: आर्मेचर रिएक्शन एक ऐसी घटना है जिसमें आर्मेचर धारा द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र मुख्य क्षेत्र का विरोध करता है। सीरीज में होने वाली इंटरपोल विंडिंग्स एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं जो इस प्रभाव का प्रतिरोध करती हैं, जिससे कम्यूटेशन में सुधार होता है और ब्रश पर स्पार्किंग कम हो जाती है। विपरीत ध्रुवता: प्रत्येक इंटरपोल की चुंबकीय ध्रुवता उसके आगे के मुख्य ध्रुव के विपरीत होती है। जैसे-जैसे आर्मेचर धारा बढ़ती है, इंटरपोल क्षेत्र की ताकत भी बढ़ती है, जिससे एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है जो आर्मेचर रिएक्शन के कारण होने वाले विरूपण का विरोध करता है। तटस्थ मुख्य क्षेत्र: यह विरोधी क्षेत्र आंशिक रूप से आर्मेचर रिएक्शन को रद्द कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक समान मुख्य चुंबकीय क्षेत्र बनता है। Discuss12345678