ISRO HSFC Technician B Electrician Solved Question paper in Hindi31. ट्रिपलक्स वेव वाइंडिंग में कितने समान्तर पथ होते हैं?1 . 2 2 . 5 3 . 3 4 . 6 Answer and SolutionAnswer: "6 "आर्मेचर वाइंडिंग्स मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: 1.लैप वाइंडिंग (Lap Winding): लैप वाइंडिंग में, समानांतर पथों की संख्या ध्रुवों की संख्या के बराबर होती है। यह प्रकार की वाइंडिंग उच्च धारा, निम्न वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए उपयोग की जाती है। 2. वेव वाइंडिंग (Wave Winding): वेव वाइंडिंग में, समानांतर पथों की संख्या हमेशा 2 होती है, चाहे ध्रुवों की संख्या कितनी भी हो। ह प्रकार की वाइंडिंग उच्च वोल्टेज, निम्न धारा अनुप्रयोगों के लिए उपयोग की जाती है। मल्टीप्लेक्स वेव वाइंडिंग के लिए, A = 2m, जहां m वाइंडिंग की मल्टीप्लिसिटी है। सिम्प्लेक्स वेव वाइंडिंग: m = 1, इसलिए A = 2 डुप्लेक्स वेव वाइंडिंग: m = 2, इसलिए A = 4 ट्रिप्लेक्स वेव वाइंडिंग: m = 3, इसलिए A = 6 इसलिए, ट्रिप्लेक्स वेव वाइंडिंग के लिए, समानांतर पथों की संख्या 6 है। Discuss32. फ्लेमिंग्स के दाहिने हाथ के नियम का उपयोग निम्न में से क्या ज्ञात करने के लिए किया जाता है?1 . घूर्णन की दिशा 2 . फ्लक्स की दिशा 3 . टॉर्क की दिशा 4 . EMF की दिशा Answer and SolutionAnswer: "EMF की दिशा "फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम का उपयोग विशेष रूप से जनरेटर की चुंबकीय क्षेत्र के भीतर घूमने वाले कंडक्टर में प्रेरित धारा (ईएमएफ) की दिशा निर्धारित करने के लिए किया जाता है। नियम: अंगूठा: चालक की गति की दिशा को चुंबकीय क्षेत्र के सापेक्ष दर्शाता है। तर्जनी: चुंबकीय क्षेत्र की दिशा की ओर इशारा करता है। मध्यमा: प्रेरित विद्युत धारा की दिशा की ओर इशारा करता है। इसका अर्थ है: आप चालक की गति की दिशा और चुंबकीय क्षेत्र की दिशा जानकर, इस नियम का उपयोग करके चालक में बहने वाली प्रेरित धारा की दिशा निर्धारित कर सकते हैं। ध्यान दें: यद्यपि प्रेरित विद्युत धारा और प्रेरित विद्युत् वाहक बल (EMF) का गहरा संबंध है, फिर भी उनमें अंतर है: प्रेरित EMF: बदलते चुंबकीय क्षेत्र के कारण चालक में उत्पन्न वोल्टेज (फ्लेमिंग का दाहिना हाथ नियम इसे निर्धारित करने के लिए लागू होता है)। प्रेरित धारा: प्रेरित EMF के कारण चालक में इलेक्ट्रॉनों का वास्तविक प्रवाह। प्रेरित धारा की दिशा हमेशा प्रेरित EMF की दिशा के विपरीत होती है। इसलिए, जबकि फ्लेमिंग का दाएँ हाथ का नियम सीधे आपको प्रेरित ईएमएफ की दिशा देता है, आप इस ज्ञान का उपयोग प्रेरित धारा की दिशा को उलट कर समझने के लिए कर सकते हैं। Finger Right-hand rule Left-hand rule Thumb The direction of motion of conductor (input) The direction of the conductor (output) Forefinger Magnetic field Magnetic field Middle finger The direction of induced emf (output) The direction of current (input) Discuss33. एक गैर-लीप वर्ष में 53 रविवार होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए1 . 53/365 2 . 52/365 3 . 1/365 4 . 1/7 Answer and SolutionAnswer: "1/7 " गैर-लीप वर्ष में दिन: एक गैर-लीप वर्ष में कुल 365 दिन होते हैं, जो 52 सप्ताह और 1 अतिरिक्त दिन के बराबर होता है। 53 रविवार के लिए शर्त: एक गैर-लीप वर्ष में 53 रविवार होने के लिए, यह अतिरिक्त दिन भी रविवार होना चाहिए। संभावना: कुल संभावित परिणाम: अतिरिक्त दिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार या रविवार में से कोई भी हो सकता है। इसलिए कुल 7 संभावित परिणाम हैं। अनुकूल परिणाम: अतिरिक्त दिन रविवार होना चाहिए, जो केवल एक ही तरीके से हो सकता है। प्रायिकता = अनुकूल परिणाम / कुल संभावित परिणाम = 1/7 अतः, एक गैर-लीप वर्ष में 53 रविवार होने की प्रायिकता 1/7 है। Discuss34. एक शंट जनरेटर 200V पर 100A प्रदान करता है। यदि शंट क्षेत्र प्रतिरोध और आर्मेचर प्रतिरोध क्रमशः 50 Ω और 0.1Ω हैं, तो उत्पन्न वोल्टेज ज्ञात कीजिए।1 . 200 V 2 . 210.4 V 3 . 210 V 4 . 209.6 V Answer and SolutionAnswer: "210.4 V "दिया गया है: लोड धारा (IL) = 100A टर्मिनल वोल्टेज (Vt) = 200V शंट क्षेत्र प्रतिरोध (Rsh) = 50Ω आर्मेचर प्रतिरोध (Ra) = 0.1Ω शंट क्षेत्र धारा (Ish) की गणना: शंट क्षेत्र धारा शंट क्षेत्र प्रतिरोध से होकर बहती है। ओम के नियम का उपयोग करके: Ish = Vt / Rsh Ish = 200 V / 50 Ω = 4 A आर्मेचर धारा (Ia) की गणना: आर्मेचर धारा लोड धारा और शंट क्षेत्र धारा का योग होता है। Ia = IL + Ish Ia = 100 A + 4 A = 104 A आर्मेचर प्रतिरोध (Va) पर वोल्टेज ड्रॉप की गणना: ओम के नियम का उपयोग करके: Va = Ia * Ra Va = 104 A * 0.1 Ω = 10.4 V जनरेटेड EMF (Eg) की गणना: जनरेट किया गया EMF टर्मिनल वोल्टेज और आर्मेचर प्रतिरोध पर वोल्टेज ड्रॉप का योग होता है। Eg = Vt + Va Eg = 200 V + 10.4 V = 210.4 V इसलिए, जनरेट किया गया वोल्टेज (Eg) 210.4 वोल्ट है। Discuss35. शंट जनरेटर स्थिर समानांतर संचालन के लिए सबसे उपयुक्त हैं क्योंकि उनकी वोल्टेज विशेषताएँ हैं1 . बढ़ती हुई 2 . समान 3 . गिरती हुई 4 . रैखिक Answer and SolutionAnswer: "गिरती हुई "DC शंट जनरेटर की ड्रॉपिंग विशेषताएं DC शंट जनरेटर अपनी थोड़ी सी ड्रॉपिंग विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उनके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर जब अन्य जनरेटरों के साथ समानांतर विन्यास में उपयोग किया जाता है। यह ड्रॉपिंग व्यवहार टर्मिनल वोल्टेज और लोड करंट के बीच के संबंध को संदर्भित करता है, जहां लोड करंट बढ़ने पर टर्मिनल वोल्टेज थोड़ा कम हो जाता है। मुख्य विशेषताएं वोल्टेज विनियमन: शंट जनरेटर लोड करंट की एक विस्तृत श्रृंखला पर अपेक्षाकृत स्थिर टर्मिनल वोल्टेज बनाए रखते हैं, जो उनकी स्व-विनियमन प्रकृति के कारण होता है। हालांकि, जैसे-जैसे लोड बढ़ता है, टर्मिनल वोल्टेज में थोड़ी सी गिरावट होती है, जो ड्रॉपिंग व्यवहार की विशेषता है। समानांतर संचालन: थोड़ी सी ड्रॉपिंग विशेषताएं DC शंट जनरेटर को समानांतर संचालन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती हैं। जब कई शंट जनरेटर समानांतर में जुड़े होते हैं, तो वे प्रभावी ढंग से लोड साझा कर सकते हैं। यदि एक जनरेटर लोड के अपने हिस्से से अधिक आपूर्ति करने का प्रयास करता है, तो उसका टर्मिनल वोल्टेज गिर जाएगा, जो स्वाभाविक रूप से उसके आउटपुट को कम कर देता है और सिस्टम स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है। लोड साझाकरण: समानांतर विन्यास में, शंट जनरेटर अपने वोल्टेज विशेषताओं के आधार पर कुल लोड साझा करेंगे। यदि दो जनरेटरों की समान ड्रॉपिंग विशेषताएं हैं, तो वे अपनी रेटिंग के अनुपात में लोड को विभाजित करेंगे। यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक जनरेटर अपनी क्षमता के भीतर काम करता है और किसी एक इकाई को अधिभारित नहीं करता है। आर्मेचर प्रतिक्रिया का प्रभाव: आर्मेचर प्रतिक्रिया उत्पन्न वोल्टेज को प्रभावित करती है क्योंकि लोड स्थितियों के तहत बढ़े हुए आर्मेचर करंट के कारण गिरावट होती है। जैसे-जैसे लोड बढ़ता है, यह प्रभाव अधिक स्पष्ट हो जाता है, जिससे टर्मिनल वोल्टेज में और कमी होती है। ड्रॉपिंग विशेषताओं का सारांश थोड़ी सी वोल्टेज ड्रॉप: लोड करंट बढ़ने पर टर्मिनल वोल्टेज कम हो जाता है। स्व-विनियमन: विभिन्न भारों में लगभग स्थिर वोल्टेज बनाए रखने में सक्षम। प्रभावी समानांतर संचालन: कई जनरेटरों के बीच स्थिर और संतुलित लोड साझाकरण की सुविधा प्रदान करता है। आर्मेचर प्रतिक्रिया प्रभाव: उच्च भार पर आर्मेचर प्रतिक्रिया प्रभाव से वोल्टेज ड्रॉप प्रभावित होता है। कुल मिलाकर, DC शंट जनरेटर की ड्रॉपिंग विशेषताएं बिजली प्रणालियों में उनके कार्यक्षमता के लिए आवश्यक हैं, खासकर समानांतर संचालन के दौरान स्थिरता और दक्षता सुनिश्चित करते समय। Discuss36. वृत्ताकार क्रॉस सेक्शन वाली एक छड़ को वर्गाकार क्रॉस सेक्शन वाली छड़ में बदला जाता है। छड़ की लंबाई को बनाए रखा जाता है और आकार बदलने के दौरान कोई सामग्री नहीं खोई जाती है। लंबाई के साथ मापी गई छड़ों के प्रतिरोधों का अनुपात क्या है?1 . 1:π 2 . π:5 3 . π:6 4 . π:2 Answer and SolutionAnswer: "1:π "हमारे पास दो छड़ें हैं – एक गोल और एक चौकोर। दोनों की लंबाई एक जैसी है और दोनों एक ही धातु से बनी हैं। गोल छड़ को पिघलाकर चौकोर छड़ के आकार में ढाला गया है। हमें पता करना है कि दोनों छड़ों के प्रतिरोध का अनुपात क्या होगा। गणितीय समझ: क्षेत्रफल: गोल छड़: इसका अनुप्रस्थ काट वृत्ताकार है। वृत्त का क्षेत्रफल होता है πr², जहां r वृत्त की त्रिज्या है। चौकोर छड़: इसका अनुप्रस्थ काट वर्गाकार है। वर्ग का क्षेत्रफल होता है a², जहां a वर्ग की भुजा की लंबाई है। आयतन संरक्षण: जब हम गोल छड़ को पिघलाकर चौकोर छड़ बनाते हैं, तो उसका आयतन नहीं बदलता। आयतन बराबर होता है क्षेत्रफल गुणा लंबाई। इसलिए, गोल छड़ का आयतन = चौकोर छड़ का आयतन या πr²L = a²L प्रतिरोध की गणना: किसी चालक का प्रतिरोध का सूत्र होता है: R = ρL/A जहां, ρ: पदार्थ का प्रतिरोधकता L: चालक की लंबाई A: अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल गोल छड़ का प्रतिरोध (Rc) = ρL / πr² चौकोर छड़ का प्रतिरोध (Rs) = ρL / a² प्रतिरोधों का अनुपात: Rc / Rs = (ρL / πr²) / (ρL / a²) चूंकि πr²L = a²L है, इसलिए: Rc / Rs = 1 / π Discuss37. निम्नलिखित में से किसे मेटल रेक्टिफायर के रूप में जाना जाता है?1 . सिलिकॉन डायोड 2 . गैस ट्यूब डायोड 3 . कॉपर ऑक्साइड डायोड 4 . इनमें से कोई नहीं Answer and SolutionAnswer: "कॉपर ऑक्साइड डायोड "धातु रेक्टिफायर की समझ धातु रेक्टिफायर एक पुराने समय का सेमीकंडक्टर रेक्टिफायर है जो एक धातु ऑक्साइड का उपयोग सेमीकंडक्टर सामग्री के रूप में करता है। सामान्य प्रकार के धातु रेक्टिफायर: तांबा ऑक्साइड रेक्टिफायर: ये तांबा ऑक्साइड का उपयोग सेमीकंडक्टर सामग्री के रूप में करते हैं। सेलेनियम रेक्टिफायर: ये सेलेनियम का उपयोग सेमीकंडक्टर सामग्री के रूप में करते हैं। कैसे काम करते हैं: एक धातु रेक्टिफायर में एक धातु की प्लेट (आमतौर पर तांबा) होती है जिस पर सेमीकंडक्टर सामग्री (तांबा ऑक्साइड या सेलेनियम) की एक पतली परत होती है। जब डिवाइस पर एक वोल्टेज लगाया जाता है, तो करंट एक दिशा में (फॉरवर्ड बायस) बह सकता है लेकिन दूसरी दिशा में (रिवर्स बायस) नहीं। इस गुण का उपयोग प्रत्यावर्ती धारा (AC) को दिष्ट धारा (DC) में बदलने के लिए किया जाता है। गैस ट्यूब रेक्टिफायर: AC को DC में बदलने के लिए एक गैस से भरी ट्यूब और आयनीकरण का उपयोग करता है। सिलिकॉन रेक्टिफायर: AC को DC में बदलने के लिए एक सेमीकंडक्टर सामग्री (सिलिकॉन) का उपयोग करता है। यह आज इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम प्रकार का रेक्टिफायर है क्योंकि यह छोटा, अधिक कुशल और कम लागत वाला होता है। Discuss38. 40SWG तांबे के तार का अनुमानित फ्यूजिंग करंट है1 . 3A 2 . 7A 3 . 5A 4 . 10A Answer and SolutionAnswer: "3A " फ्यूजिंग फैक्टर को सुरक्षा मार्जिन के रूप में उपयोग किया जाता है। यह तार को सुरक्षित रखने के लिए फ़्यूज़ को तार की रेटेड धारा से थोड़ा अधिक धारा पर जलने देता है। 40 SWG तांबे के तार की रेटेड धारा लगभग 1.5 A से 2.5 A के बीच होती है। सटीक फ्यूजिंग धारा का निर्धारण करने के लिए आपको तार की रेटेड धारा, फ्यूज फैक्टर और उपयोग के विशिष्ट मानदंडों को ध्यान में रखना होगा। फ्यूजिंग धारा = रेटेड धारा * फ्यूजिंग फैक्टर माना रेटेड धारा = 2 A (औसत मान) और फ्यूजिंग फैक्टर = 1.5 फ्यूजिंग धारा = 2 A * 1.5 = 3 A इसलिए, 40 SWG तांबे के तार के लिए, एक उपयुक्त फ्यूजिंग धारा लगभग 3 A होगी। Sr. No. S.W.G. Current Rating of Fuse (Amp) Approx. Fusing Current (Amp) 1 40 1.5 3 2 39 2.5 4 3 38 3.0 5 4 37 3.5 6 5 36 4.5 7 6 35 5.5 9 7 34 6.0 10 8 33 7.0 11 9 32 8.0 12 10 31 9.0 13 Discuss39. किस वर्ग के प्रवर्धक में अधिकतम विरूपण होता है?1 . वर्ग A 2 . वर्ग AB 3 . वर्ग B 4 . वर्ग C Answer and SolutionAnswer: "वर्ग C " Class C एम्पलीफायरों में, ट्रांजिस्टर इनपुट सिग्नल के आधे से भी कम चक्र का संचालन करता है (यानी चालन कोण 180° से कम लगभग 80° से 120° होता है)। यह कम चालन कोण एम्पलीफायर दक्षता में सुधार करता है लेकिन बड़ी मात्रा में विकृति पैदा करता है। Class Class-A Class-B Class-C Class-AB Operating cycle 360° 180° Less than 180° More than 180° and less than 360° Position of Q Centre On X-axis Below X-axis Above X- axis Efficiency 25% or 50% 78.5% Highest (almost 100 %) 50 % to 78.5 % Distortion Absent Present more than class-A Highest Present less than class-B Discuss40. 5k प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिए। 1 . 2.34 mA 2 . 2.94 mA 3 . 2.88 mA 4 . 3 mA Answer and SolutionAnswer: "2.94 mA "Ge डायोड का कट इन वोल्टेज .3V है और सिलिकॉन का 0.7 V है। जिस डायोड में कट-इन वोल्टेज कम है वह पहले चालू होगा। तो, यहां Ge डायोड संचालित होगा, और 5 kΩ अवरोधक के माध्यम से धारा इस प्रकार दी जाएगी, I = (15 – 0.3)/ 5 kΩ = 2.94 mA Discuss12345678